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Rakshabandhan 2025: जानिए कब उतारनी चाहिए राखी और क्या करें उसके बाद?

रक्षाबंधन केवल एक पर्व नहीं, बल्कि भाई-बहन के अटूट प्रेम का प्रतीक है। जानिए 2025 में राखी कब उतारनी चाहिए, क्या सावधानियां बरतनी चाहिए और धार्मिक एवं वैज्ञानिक दृष्टिकोण से इसका क्या महत्व है?
Post Published By: Nidhi Kushwaha
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Rakshabandhan 2025: जानिए कब उतारनी चाहिए राखी और क्या करें उसके बाद?

New Delhi: रक्षाबंधन का पर्व भाई-बहन के पवित्र रिश्ते का प्रतीक है। इस वर्ष रक्षाबंधन का त्योहार शनिवार, 9 अगस्त 2025 को मनाया जाएगा। इस दिन बहन अपने भाई की कलाई पर राखी बांधती है और भाई उसकी रक्षा का वचन देता है। राखी सिर्फ एक धागा नहीं, बल्कि स्नेह, विश्वास और सुरक्षा का प्रतीक रक्षासूत्र है।

लेकिन जैसे राखी बांधने की परंपरा है, वैसे ही इसे उतारने की भी एक मर्यादा होती है, जो धार्मिक और वैज्ञानिक दृष्टि से काफी महत्वपूर्ण मानी जाती है। अक्सर लोग राखी उतारने को लेकर गंभीर नहीं होते और इसे जैसे-तैसे हटा देते हैं, जोकि परंपरा के अनुरूप नहीं होता।

कितने दिनों तक राखी पहन सकते हैं?

राखी को कलाई पर कम से कम 24 घंटे और अधिकतम 15 दिनों तक पहनने की सलाह दी जाती है। धार्मिक दृष्टि से राखी सावन पूर्णिमा से लेकर भाद्रपद अमावस्या तक यानी लगभग पंद्रह दिनों तक रखी जा सकती है। वहीं कुछ मान्यताओं के अनुसार राखी को 3, 7 या 11 दिन तक हाथ में रखने के बाद उतारना शुभ माना गया है।

कई लोग जन्माष्टमी या गणेश चतुर्थी जैसे पवित्र पर्वों पर भी राखी उतारते हैं। यह पूरी तरह व्यक्ति की आस्था और पारिवारिक परंपरा पर निर्भर करता है। लेकिन यह ध्यान रखना जरूरी है कि पितृपक्ष शुरू होने से पहले राखी उतार लेना उचित माना जाता है।

रक्षाबंधन पर कब उतारें राखी (Img: Google)

वैज्ञानिक दृष्टिकोण क्या कहता है?

विज्ञान के अनुसार, राखी अक्सर सूती या रेशमी धागे से बनी होती है, जो कुछ दिनों के बाद धूल, पसीने और नमी के संपर्क में आकर गंदगी को आकर्षित कर सकती है। इससे बैक्टीरिया पनप सकते हैं, जो त्वचा संक्रमण का कारण बन सकते हैं। इसलिए राखी को तब तक पहनना चाहिए, जब तक वह स्वच्छ और सुरक्षित स्थिति में हो।

राखी उतारने के बाद क्या करें?

राखी को कभी भी इधर-उधर फेंकना नहीं चाहिए। यह एक पवित्र वस्तु होती है, इसलिए इसका सम्मान करना जरूरी है। कलाई से उतारने के बाद राखी को आप निम्नलिखित में से किसी एक तरीके से विसर्जित कर सकते हैं:

1-जल में प्रवाहित करें
2-किसी पौधे की जड़ में दबा दें
3-पीपल या तुलसी के पेड़ पर बांध दें

इन सभी तरीकों से राखी का सम्मान बना रहता है।

व्रत रखने की आवश्यकता है या नहीं?

रक्षाबंधन पर परंपरागत रूप से व्रत रखने की बाध्यता नहीं है, लेकिन अगर कोई श्रद्धापूर्वक व्रत रखना चाहे तो रख सकता है। यह पूरी तरह व्यक्तिगत आस्था और भावना पर आधारित होता है।

रक्षाबंधन केवल एक पर्व नहीं, बल्कि भावनाओं का प्रतीक है। राखी को उतारने की विधि और समय का ध्यान रखना भी उसी श्रद्धा का हिस्सा है। इसे केवल एक औपचारिकता न मानें, बल्कि इस धागे को उसी आदर और सम्मान से विदा करें, जैसे बांधते समय उसमें भावनाएं समाहित की जाती हैं।

डिस्क्लेमर: डाइनामाइट न्यूज़ यहां दी गई जानकाीर की पुष्टि नहीं करता। यह जानकारी धार्मिक मान्यताओं और सामान्य जानकारियों पर आधारित है। किसी भी परंपरा को अपनाने से पहले स्थानीय परंपरा या विशेषज्ञ की सलाह लेना उचित रहेगा।

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