New Delhi: राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के बुलियन बाजार में गुरुवार को निवेशकों के लिए अप्रत्याशित उतार-चढ़ाव देखने को मिला। एक ओर सोने की कीमतों में बड़ी गिरावट दर्ज की गई, वहीं चांदी ने जोरदार उछाल मारी।
सोने की कीमतों में आई भारी गिरावट
ऑल इंडिया बुलियन एसोसिएशन के अनुसार, 99.5% शुद्धता वाले सोने की कीमत 1,000 रुपये घटकर 1,22,800 रुपये प्रति 10 ग्राम रह गई, जो बुधवार को 1,23,800 रुपये थी। इसी तरह 99.9% शुद्धता वाला सोना भी 1,24,400 रुपये के नीचे आ गया।
इस गिरावट के पीछे दो प्रमुख अंतरराष्ट्रीय कारण रहे अमेरिकी फेडरल रिजर्व का बयान और अमेरिका-चीन व्यापार वार्ता से मिले सकारात्मक संकेत।
फेडरल रिजर्व के बयान का असर
अमेरिकी फेडरल रिजर्व ने हाल ही में ब्याज दरों में मामूली कटौती की, लेकिन चेयरमैन जेरोम पॉवेल ने संकेत दिया कि आगे और कटौती की संभावना नहीं है। इस सख्त रुख के कारण अमेरिकी डॉलर और बॉन्ड यील्ड में मजबूती आई।
क्योंकि अंतरराष्ट्रीय बाजार में सोने का व्यापार डॉलर में होता है, इसलिए डॉलर मजबूत होने पर अन्य निवेशकों के लिए सोना महंगा हो जाता है। इससे सोने की मांग घटी और कीमतों में गिरावट आई।
अमेरिका-चीन संबंधों में सुधार का प्रभाव
दूसरा बड़ा कारण अमेरिका और चीन के बीच व्यापारिक तनाव में कमी रहा। दोनों देशों के बीच समझौते की खबरों से निवेशकों का भरोसा बढ़ा। आम तौर पर जब वैश्विक तनाव घटता है, तो सोने जैसी ‘सुरक्षित निवेश’ की मांग घट जाती है, जिससे इसकी कीमत पर नकारात्मक असर पड़ता है।
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चांदी की कीमतों में जबरदस्त उछाल
जहां सोने की कीमत गिरी वहीं चांदी ने निवेशकों को खुश कर दिया। चांदी 3,300 रुपये प्रति किलो की छलांग लगाकर 1,55,000 रुपये पहुंच गई। विशेषज्ञों के अनुसार इलेक्ट्रॉनिक्स, सोलर एनर्जी और मेडिकल उपकरणों में चांदी की बढ़ती मांग के चलते यह तेजी देखने को मिली।
अंतरराष्ट्रीय बाजार की स्थिति
अंतरराष्ट्रीय स्तर पर हालांकि रुझान थोड़ा अलग रहा। स्पॉट गोल्ड 1.36% बढ़कर 3,983.87 डॉलर प्रति औंस पर पहुंचा, जबकि स्पॉट सिल्वर 1.21% बढ़कर 48.14 डॉलर प्रति औंस पर बंद हुआ। डॉलर इंडेक्स में 0.12% की बढ़त ने घरेलू बाजार में सोने पर दबाव बनाए रखा। अब बाजार की नजर फेडरल रिजर्व अधिकारियों के आगे आने वाले बयानों पर है, जो कीमतों की दिशा तय करेंगे।
निवेशकों के लिए संकेत
कुल मिलाकर अंतरराष्ट्रीय आर्थिक संकेतों ने सोना और चांदी बाजार को विपरीत दिशाओं में खींचा। जहां सोना खरीदने वालों के लिए यह सस्ता सौदा साबित हुआ वहीं चांदी के खरीदारों को जेब ढीली करनी पड़ी। आने वाले दिनों में फेडरल रिजर्व की नीतियां और वैश्विक व्यापार माहौल इन दोनों की कीमतों को तय करेंगे।

