इस्लाम में नमाज क्यों है जरूरी? जानिए 5 वक्त की नमाज का महत्व

By Saumya Singh

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नमाज इस्लाम का दूसरा सबसे महत्वपूर्ण स्तंभ है, जो मुसलमानों को अल्लाह से जुड़ने और उनके आशीर्वाद प्राप्त करने का माध्यम प्रदान करती है। दिन में पाँच वक्त पढ़ी जाने वाली नमाजों का अपना एक निश्चित समय और महत्व होता है।

नमाज इस्लाम के पांच स्तंभों में से एक है और इसे अल्लाह की इबादत माना जाता है।

दिन में पाँच वक्त की नमाजें हैं- फजर, जुहर, असर, मगरिब और ईशा।

फजर की नमाज भोर में सूर्योदय से पहले 4 रकात होती हैं।

जुहर की नमाज दोपहर में 12 रकात, जिसमें फर्ज और सुन्नत शामिल हैं।

मगरिब की नमाज सूर्यास्त के बाद 7 रकात होती है, जिसमें नफ्ल भी शामिल है।

ईशा की नमाज रात को होती है और इसमें 17 रकात होती हैं, जिसमें वित्र नमाज भी शामिल है।

डिस्क्लेमर: यह जानकारी धार्मिक मान्यताओं और परंपराओं पर आधारित है। डाइनामाइट न्यूज़ किसी भी जानकारी की पुष्टि या धार्मिक आदेशों का समर्थन नहीं करता।