सर्दियों में लोग स्वेटर के साथ शॉल भी पहनते हैं।

पशमीना शॉल की कीमत लाखों रुपये तक हो सकती है।

पशमीना शॉल बुजुर्गों से लेकर युवाओं तक में बहुत लोकप्रिय है।

यह शॉल चांगथांगी (पशमीना) बकरी के बालों से बनाई जाती है।

चांगथांगी बकरी पहाड़ी और बर्फीले क्षेत्रों में पाई जाती है।

पशमीना शॉल बेहद मुलायम और हल्की होती है।

इसकी कोमलता इतनी अधिक होती है कि यह अंगूठी से निकल जाती है।

एक पशमीना शॉल बनाने में 8-10 महीने या उससे भी अधिक समय लगता है।

यह पूरी तरह हाथ से तैयार की जाती है, मशीनों का उपयोग नहीं होता।

पशमीना को “फाइबर का हीरा” भी कहा जाता है।

यह शॉल केवल कश्मीर क्षेत्र में तैयार की जाती है।