सावन में दूध और साग क्यों होते हैं वर्जित? जानिए इसके पीछे की वजह
By: Sapna Srivastava
06 July 2025
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सावन का महीना भगवान शिव की पूजा-अर्चना का पावन समय माना जाता है।
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इस महीने में सात्विक आहार का पालन विशेष फलदायक होता है।
आयुर्वेदिक दृष्टिकोण से सावन में शरीर की पाचन क्षमता सबसे कमजोर
होती है।
दूध, साग और भारी खाद्य पदार्थ इस समय अपच और संक्रमण का कारण बन स
कते हैं।
बरसात के मौसम में हरे पत्तेदार साग में बैक्टीरिया और कीड़े लगने
की संभावना ज्यादा होती है।
शिव पुराण के अनुसार, दूध भगवान शिव को चढ़ाया जाता है, इसलिए उसे
पीने से परहेज किया जाता है।
धार्मिक दृष्टि से भी यह समय व्रत, संयम और शुद्ध आहार का होता है।
आयुर्वेद कहता है कि इस मौसम में ताजे और हल्के भोजन को प्राथमिकता
देनी चाहिए।
साग में इस समय नमी ज्यादा होती है, जिससे विषाक्त तत्वों का खतरा
बढ़ जाता है।
वैज्ञानिक और धार्मिक दोनों दृष्टियों से यह वर्जन संयम और स्वास्थ
्य की रक्षा के लिए है।