शिव मंदिर में क्यों बजाई जाती है तीन बार ताली?

By : Poonam Rajput           July 02, 2025

शास्त्रों में ध्वनि (नाद) को अत्यंत शक्तिशाली माना गया है।

ताली बजाने से एक विशेष प्रकार की ऊर्जा उत्पन्न होती है।

मंदिरों में ताली बजाकर पूजा करने की परंपरा प्राचीन काल से चली आ रही है।

ताली की ध्वनि से वातावरण में सकारात्मक कंपन फैलता है।

इससे नकारात्मक शक्तियां और असूरी ऊर्जा दूर होती है।

शिव मंदिर में तीन बार ताली बजाना एक विशेष धार्मिक परंपरा है।

यह परंपरा ब्रह्मा, विष्णु और महेश के आह्वान से जुड़ी मानी जाती है।

तीन बार ताली बजाकर त्रिदेव को नमन किया जाता है।

यह कृत्य त्रिगुणात्मक स्वरूप – सतोगुण, रजोगुण और तमोगुण की उपासना का प्रतीक है।

ताली बजाने से भक्त का मन एकाग्र होता है और ध्यान केंद्रित होता है।

यह एक आध्यात्मिक संकेत भी है कि पूजा आरंभ या पूर्ण हो चुकी है।

धार्मिक मान्यताओं में इसे ईश्वर तक अपनी उपस्थिति जताने का माध्यम माना गया है।