युवाओं में बढ़ती नींद के पीछे क्या है असली कारण?

By Saumya Singh

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99% टीनएजर्स सोने से पहले तक स्क्रीन का उपयोग करते हैं, जिससे नींद की गुणवत्ता प्रभावित होती है।

सोशल मीडिया का दबाव और हमेशा ऑनलाइन रहने की आदत दिमाग को तनाव में डालती है।

शारीरिक गतिविधियों की कमी और देर रात खाना नींद को और खराब कर रहे हैं।

63% युवा सोने से पहले स्नैक्स खाते हैं, जिससे पाचन तंत्र पर असर पड़ता है और नींद टूटती है।

कैफीन, भारी भोजन और देर रात तक एक्टिव रहना नींद में बाधा डालता है।

समय पर सोना-जागना, स्क्रीन टाइम घटाना और मेडिटेशन जैसी शांत गतिविधियां नींद सुधार सकती हैं।

बढ़ते स्क्रीन टाइम और गलत आदतों के कारण युवाओं की नींद गंभीर रूप से प्रभावित हो रही है, जिसे सुधारा जा सकता है छोटे-छोटे बदलावों से।