मंदिरों में चढ़ाए गए पैसों का क्या होता है? जानिए पूरी सच्चाई

मंदिरों में भक्तजन अपनी श्रद्धा से नकद राशि, आभूषण और वस्त्र चढ़ाते हैं।

यह दान मंदिर के संचालन और धार्मिक गतिविधियों के लिए बेहद महत्वपूर्ण होता है।

चढ़ाए गए पैसों का उपयोग पूजा-पाठ, आरती और अनुष्ठान में किया जाता है।

मंदिर परिसर की साफ-सफाई, बिजली-पानी और सजावट पर भी यह धन खर्च होता है।

पुजारियों, कर्मचारियों और सुरक्षा गार्डों के वेतन का भुगतान भी इसी राशि से किया जाता है।

कई मंदिरों में फ्री भोजन (लंगर/प्रसाद) की व्यवस्था भी इसी दान से होती है।

कुछ बड़े मंदिर अस्पताल, स्कूल और धर्मशाला जैसे समाजसेवी कार्यों में भी यह धन लगाते हैं।

खास अवसरों पर मंदिरों में होने वाले भव्य आयोजनों का खर्च भी दान से ही उठाया जाता है।

कई मंदिरों की कमाई से आसपास के इलाकों में जनसेवा के प्रकल्प चलाए जाते हैं।

मंदिर प्रशासन दान की राशि का लेखा-जोखा रखता है और कई बार ऑडिट भी कराया जाता है।

बड़े मंदिर ट्रस्ट दान की राशि से फिक्स्ड डिपॉजिट या निवेश भी करते हैं ताकि आय बनी रहे।

मंदिर में चढ़ाया गया सोना और चांदी बैंक लॉकर में सुरक्षित रखा जाता है।

कुल मिलाकर, मंदिरों में चढ़ाया गया पैसा धार्मिक, सामाजिक और जनकल्याण के कार्यों में खर्च होता है।