भगवान जगन्नाथ की रथ यात्रा का शुभारंभ, जानें महत्वपूर्ण बातें

 27 जून 2025 से पुरी के जगन्नाथ मंदिर से भगवान जगन्नाथ, बलभद्र और सुभद्रा की रथ यात्रा शुरू हुई, जिसमें लाखों श्रद्धालु शामिल हुए।

यह पवित्र उत्सव आषाढ़ मास के शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि को शुरू होता है, जिसे आध्यात्मिक रूप से शुभ माना जाता है।

भगवान जगन्नाथ का नंदीघोष, बलभद्र का तलध्वज और सुभद्रा का दर्पदलन रथ भक्तों द्वारा 3 किमी तक गुंडीचा मंदिर तक खींचे जाते हैं।

नौ दिनों तक भगवान जगन्नाथ, बलभद्र और सुभद्रा गुंडीचा मंदिर में प्रवास करते हैं, जिसे उनका जन्मस्थान माना जाता है।

छेरा पहनरा रस्म में पुरी के राजा रथों की सफाई करते हैं और सोने की झाड़ू से रास्ता साफ करते हैं, जो भक्ति और समानता का प्रतीक है।

रथ यात्रा के लिए पुरी में 10,000 पुलिसकर्मियों, 200 प्लाटून और 8 केंद्रीय बल कंपनियों के साथ पांच-स्तरीय सुरक्षा व्यवस्था लागू है।

इस साल पहली बार 275 एआई-सक्षम सीसीटीवी और एकीकृत कमांड-एंड-कंट्रोल सिस्टम से भीड़ और यातायात पर नजर रखी जा रही है।

 दुनिया का सबसे प्राचीन रथ उत्सव, यह यात्रा सामाजिक एकता का प्रतीक है और विश्व भर से लाखों भक्तों को आकर्षित करती है।

रथ यात्रा का आयोजन 12 दिनों तक चलेगा और 8 जुलाई को नीलाद्रि विजय के साथ समाप्त होगा, जब भगवान अपने मूल मंदिर में लौटेंगे।