जानिए क्या है कार्डियक अरेस्ट और इससे बचाव के उपाय

कार्डियक अरेस्ट हृदय की विद्युतीय प्रणाली में खराबी के कारण होता है, जिससे हृदय की धड़कन अनियमित हो जाती है और रक्त प्रवाह रुक जाता है।

अचानक बेहोशी, सांस न लेना, नब्ज का न मिलना और चेतना खोना इसके प्रमुख लक्षण हैं।

कार्डियक अरेस्ट अचानक होता है, जबकि हार्ट अटैक धीरे-धीरे रक्त प्रवाह बाधित होने से होता है।

उच्च रक्तचाप, मधुमेह, धूम्रपान, मोटापा और पारिवारिक इतिहास कार्डियक अरेस्ट का खतरा बढ़ाते हैं।

 कार्डियक अरेस्ट होने पर तुरंत 108 या आपातकालीन नंबर पर कॉल करें।

कार्डियोपल्मोनरी रिससिटेशन (CPR) रक्त प्रवाह बहाल करने में मदद करता है। 

ऑटोमेटेड एक्सटर्नल डिफाइब्रिलेटर (AED) हृदय की लय को सामान्य करने में सहायक है। इसे तुरंत उपयोग करें यदि उपलब्ध हो।

स्वस्थ आहार, नियमित व्यायाम, धूम्रपान छोड़ना और तनाव प्रबंधन कार्डियक अरेस्ट के जोखिम को कम करते हैं।

रक्तचाप, कोलेस्ट्रॉल, और मधुमेह की नियमित जांच से हृदय स्वास्थ्य पर नजर रखें।

 सीपीआर और प्राथमिक चिकित्सा का प्रशिक्षण लें ताकि आपात स्थिति में मदद कर सकें।