Vastu
By Saumya Singh
July 17, 2025
Source: Google
सावन सिर्फ भगवान शिव की आराधना का महीना नहीं, बल्कि प्रकृति और शरीर के लिए वैज्ञानिक दृष्टि से भी बेहद खास समय है। जानिए कैसे सावन में छिपा है सेहत और संतुलन का राज।
सावन में बारिश के कारण प्रदूषण और धूल नीचे बैठ जाती है, जिससे हवा साफ होती है और सांस लेने में आसानी होती है।
व्रत और फलाहार शरीर को अंदर से साफ करते हैं और पाचन तंत्र को आराम मिलता है।
तुलसी, गंगाजल, उबला पानी और हल्के खान-पान से मानसून में होने वाली बीमारियों से बचाव होता है।
हरियाली, ठंडक और भक्ति का माहौल मन को शांति देता है और ध्यान केंद्रित करने में मदद करता है।
सावन की बारिश से भूजल स्तर रिचार्ज होता है, जो सालभर जल संकट से निपटने में मदद करता है।
इस महीने में लोग मिट्टी, वर्षा और प्रकृति के साथ जुड़ते हैं, जिससे मानसिक संतुलन बेहतर होता है।
पुराने समय में सावन में घर से बाहर कम निकलने और शुद्ध खानपान की परंपरा, असल में संक्रमण रोकने का तरीका थी।
बरसात के मौसम में अग्नि मंद होती है, इसलिए हल्का भोजन और उपवास शरीर को अनुकूल वातावरण में ढालते हैं।