निर्जला या फलाहार कैसे रखें जन्माष्टमी उपवास? जानिए व्रत टूटने पर क्या करें

BY: Sapna Srivastava

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16 Aug 2025

जन्माष्टमी का उपवास भगवान श्रीकृष्ण की भक्ति और आत्मशुद्धि के लिए रखा जाता है।

उपवास निर्जला (बिना जल के) या फलाहार (फलों और दूध का सेवन) करके रखा जाता है।

व्रत की शुरुआत सुबह स्नान करके, भगवान का ध्यान कर, संकल्प लेने से करें।

दिनभर भगवान कृष्ण के मंत्रों का जाप और भजन-कीर्तन करना लाभकारी होता है।

फलाहारी उपवास में साबूदाना, आलू, दूध, दही, फल आदि का सेवन किया जा सकता है।

अनाज, नमक और तले-भुने भोजन से पूरी तरह परहेज करना चाहिए।

निर्जला व्रत रखने वालों को मानसिक रूप से खुद को तैयार रखना चाहिए, ताकि कमजोरी महसूस न हो।

गलती से अगर व्रत टूट जाए तो घबराएं नहीं, भगवान से क्षमा मांगें और दिनभर भक्ति में मन लगाएं।

अगली बार व्रत को और अधिक श्रद्धा और संयम से रखने का संकल्प लें।

सबसे जरूरी बात व्रत का उद्देश्य सिर्फ खाना छोड़ना नहीं, बल्कि शुद्ध मन और भक्ति भाव से कृष्ण को समर्पण है।