फाइटर जेट (लड़ाकू विमान) एक ऐसा सैन्य विमान है जो सबसे खतरनाक होने के साथ–साथ हवा में लड़ाई करने और दुश्मन के विमानों को नष्ट करने के लिए बनाया गया है
फाइटर जेट्स को उड़ाने के लिए काफी मात्रा में फ्यूल की आवश्यकता होती है। फाइटर जेट में पेट्रोल या डीजल नहीं, बल्कि एविएशन टरबाइन फ्यूल(ATF) डाला जाता है। यह एक बहुत हाई–क्वालिटी फ्यूल होता है
एक फाइटर जेट की टंकी कितने लीटर में फुल होगी यह उसके मॉडल पर निर्भर करता है। किसी में 2000 लीटर और किसी में 12000 लीटर तक फ्यूल आता है
सुखोई, राफेल और तेजस हैं भारतीय वायुसेना के सबसे महत्वपूर्ण और ताकतवर फ़ाइटर जेट्स
सुखोई में 9600 लीटर, राफेल में 2500 लीटर और तेजस में 5000 लीटर तक फ्यूल आता है
सुखोई में 9600 लीटर, राफेल में 2500 लीटर और तेजस में 5000 लीटर तक फ्यूल आता है
साथ ही विदेशी फ़ाइटर जेट्स को देखें तो, F–22 Raptor में 8200 लीटर,वहीं F–16 Falcon में 3200 लीटर, MiG–29 की टंकी 3500 लीटर में फुल हो जाती है
कुछ विमान तो इतने अग्रिम होते हैं कि उनके एरियल फ्यूलिंग सिस्टम होता है, जिस से उड़ते उड़ते फ्यूल भरा जा सकता है
फाइटर जेट्स की स्पीड लगभग 2000 किलोमीटर प्रति घंटे से भी ज्यादा होती है, एक घंटे में 2000 लीटर तक फ्यूल लग सकता है
यहां बताई गई सभी बातें सामान्य जानकारी पर आधारित है, डायनामाइट न्यूज़ इसकी पुष्टी नहीं करता है