Health
By Saumya Singh
August 21, 2025
Source: Google
"अनुलोम-विलोम प्राणायाम", फेफड़ों की क्षमता बढ़ाता है और सांस की तकलीफ कम करता है।
"कपालभाति प्राणायाम", फेफड़ों से टॉक्सिन हटाने और ऑक्सीजन स्तर बढ़ाने में मदद करता है।
"भस्त्रिका प्राणायाम", सांस की नलियों को साफ करता है और श्वसन तंत्र मजबूत बनाता है।
"भ्रामरी प्राणायाम", तनाव कम करता है और सांस लेने की क्षमता बेहतर करता है।
"डायाफ्रामेटिक ब्रीदिंग", सांस की मांसपेशियों को मजबूत करता है।
"गहरी सांस लेने का अभ्यास", श्वसन दर नियंत्रित करता है और तनाव घटाता है।
"सेतु बंधासन", छाती खोलने और फेफड़ों की क्षमता बढ़ाने में मददगार।
"शवासन में ब्रीदिंग", ऑक्सीजन लेवल संतुलित करता है और थकान दूर करता है।
डिस्क्लेमर: यह जानकारी केवल जानकारी हेतु है, किसी भी स्वास्थ्य समस्या में डॉक्टर की सलाह अवश्य लें। Dynamite News इसकी पुष्टि नहीं करता है।