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सोनभद्र के ओबरा के वार्ड 15 में कूड़ा और मृत जानवर फेंकने से गंभीर प्रदूषण फैल रहा है। स्थानीय निवासी जहरीली गैस और दुर्गंध से परेशान हैं और स्वास्थ्य जोखिम झेल रहे हैं। ग्रामीणों ने प्रशासन से कूड़ा डंपिंग रोकने और इलाके को स्वच्छ करने की मांग की है।
कूड़ा डंपिंग ने ग्रामीणों की जिंदगी बना दी नर्क
Sonbhadra: ओबरा नगर पंचायत के वार्ड 15 और इसके आसपास के रिहायशी क्षेत्र में कूड़ा डंप करने की समस्या ने स्थानीय निवासियों की जिंदगी मुश्किल कर दी है। आरोप है कि नगर पंचायत द्वारा उत्तर प्रदेश उत्पादन निगम की जमीन का उपयोग करके कूड़ा और मृत जानवरों को खुले तौर पर डंप किया जा रहा है, जिससे पूरे क्षेत्र में गंभीर प्रदूषण फैल रहा है।
स्थानीय लोगों का कहना है कि रात में इन डंप किए गए कूड़ों में आग लगा दी जाती है। जलने के दौरान निकलने वाली जहरीली गैस से न केवल वार्ड 15 बल्कि सेक्टर 9, सेक्टर 2 और खैरटिया के आसपास के क्षेत्रों का वातावरण दूषित हो गया है। लोगों का कहना है कि अब घरों से बाहर निकलना भी मुश्किल हो गया है, और कई लोग स्वास्थ्य संबंधी बीमारियों और कैंसर जैसी गंभीर बीमारियों का शिकार हो रहे हैं।
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ग्राम सेवा समिति के अध्यक्ष शिव दत्त दुबे ने कहा कि यह स्थिति असहनीय है और इसे तुरंत रोका जाना चाहिए। उन्होंने प्रशासन और शासन से इस मामले की गंभीर जांच कर दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की। उन्होंने कहा- 'हम अपने बच्चों और बुजुर्गों के स्वास्थ्य को खतरे में नहीं डाल सकते। कूड़ा डंपिंग तुरंत बंद किया जाए और पूरे क्षेत्र को स्वच्छ किया जाए।'
स्थानीय निवासी राकेश केसरी ने भी इस समस्या की ओर ध्यान आकर्षित करते हुए बताया कि पूरे नगर पंचायत क्षेत्र का कूड़ा इसी डंपिंग साइट पर फेंका जा रहा है। उन्होंने कहा कि इससे न केवल दुर्गंध फैलती है बल्कि कीड़े-मकौड़े और मच्छर भी बढ़ रहे हैं, जिससे विभिन्न संक्रामक रोगों का खतरा बढ़ गया है।
प्रदर्शन करते ग्रामीण
ग्रामीणों ने जिलाधिकारी और उपजिलाधिकारी ओबरा से मुलाकात कर समस्या का समाधान मांगने की कोशिश की, लेकिन अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया। इसके अलावा, केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को भी इस संबंध में पत्र भेजा गया था, जिसके बाद उत्तर प्रदेश शासन के सचिव को 15 दिनों के भीतर मामले की आख्या रिपोर्ट प्रस्तुत करने का निर्देश दिया गया था। लेकिन सोनभद्र क्षेत्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अधिकारी आर.के. सिंह ने केवल खानापूर्ति करते हुए अधिशासी अधिकारी से रिपोर्ट मांगी, जिससे स्थानीय लोगों में नाराजगी बढ़ गई है।
ग्रामीणों का आरोप है कि नगर पंचायत और प्रशासन द्वारा उपेक्षा बरती जा रही है। उन्होंने चेताया कि यदि जल्द कोई कार्रवाई नहीं हुई तो वे जोरदार प्रदर्शन और आंदोलन करने को मजबूर होंगे। राकेश केसरी ने कहा- 'हम अपनी आवाज को दबने नहीं देंगे। हमारी मांग है कि इस कूड़ा डंपिंग स्थल को तुरंत बंद कराया जाए और पूरे इलाके की सफाई सुनिश्चित की जाए।'
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इस बीच, ग्राम सेवा समिति के सदस्यों और स्थानीय निवासियों ने इलाके में प्रदर्शन किया। उन्होंने नगर पंचायत पर कूड़ा डंपिंग रोकने और जलवायु एवं स्वास्थ्य सुरक्षा सुनिश्चित करने की मांग की। ग्रामीणों का कहना है कि कूड़ा डंपिंग की यह समस्या वर्षों से चली आ रही है, लेकिन अब स्थिति गंभीर हो गई है। उन्होंने प्रशासन से तत्काल स्थल को सील करने, कूड़ा हटाने और पूरी जगह की सफाई सुनिश्चित करने की मांग की है।