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जिले के तहसील किशनी क्षेत्र के एक गांव में किसान वीरे बाबू अपने खेत में खड़े पांच सूखे आम के पेड़ काटने की अनुमति लेकर भी वन विभाग की मनमानी का शिकार हो गए। किसान ने बताया कि उन्होंने पहले से तय राशि जमा कर अनुमति प्राप्त की थी।
समाजवादी पार्टी के किशनी विधायक बृजेश कठेरिया
Mainpuri: जिले के तहसील किशनी क्षेत्र के एक गांव में किसान वीरे बाबू अपने खेत में खड़े पांच सूखे आम के पेड़ काटने की अनुमति लेकर भी वन विभाग की मनमानी का शिकार हो गए। किसान ने बताया कि उन्होंने पहले से तय राशि जमा कर अनुमति प्राप्त की थी। लेकिन शुक्रवार को जब वे पेड़ों को कटवाने गए, तभी वन विभाग की टीम मौके पर पहुंची और पेड़ों की मोटाई और लंबाई को लेकर विरोध जताया।
किसान ने आरोप लगाया कि वन विभाग की टीम ने उन्हें धमकी देते हुए 45,000 रुपए की राशि वसूल की। विभागीय टीम ने यह भी कहा कि यह राशि देने के बाद उन्हें रसीद दी जाएगी। लेकिन अब तक रसीद नहीं दी गई। किसान ने इस मनमानी की शिकायत क्षेत्रीय विधायक से की।
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समाजवादी पार्टी के किशनी विधायक बृजेश कठेरिया ने बिना देर किए मामले की गंभीरता को समझते हुए सीधे वन विभाग के कार्यालय का रुख किया। उन्होंने कहा कि रिश्वत लेने वाली टीम पर विभागीय जांच कराकर कार्रवाई की जानी चाहिए। उन्होंने यह भी चेतावनी दी कि यदि वन विभाग ने उचित कार्रवाई नहीं की, तो वे धरना देने को मजबूर होंगे।
विधायक ने यह भी कहा कि किसान के 45,000 रुपए वापस किए जाएं और भविष्य में इस तरह की मनमानी रोकने के लिए कड़े कदम उठाए जाएं। किसान वीरे बाबू ने भी कहा कि उनकी जमीन में खड़े पेड़ काटने का अधिकार प्राप्त है और विभाग की टीम द्वारा लगातार परेशान करना अनुचित है।
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Mainpuri में यह मामला वन विभाग की मनमानी और रिश्वतखोरी की गंभीरता को उजागर करता है। क्षेत्रीय विधायक के हस्तक्षेप से उम्मीद जताई जा रही है कि किसान को न्याय मिलेगा और दोषी अधिकारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। वहीं, किसान और स्थानीय लोग वन विभाग की ऐसी कार्यप्रणाली के खिलाफ सतर्क हैं और भविष्य में अपनी जमीन के अधिकारों की रक्षा के लिए दृढ़ हैं।