फेन्सेडिल की अवैध तस्करी का पर्दाफाश, STF ने सहारनपुर से चार तस्कर किए गिरफ्तार, करोड़ों की संपत्ती का खुलासा

 उत्तर प्रदेश स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) ने एक बड़ी कार्रवाई करते हुए फेन्सेडिल कफ सिरप और कोडीन युक्त नशे की दवाओं के अवैध कारोबार में लिप्त चार आरोपियों को गिरफ्तार किया है। यह गिरफ्तारी सहारनपुर जिले से की गई है।

Post Published By: Poonam Rajput
Updated : 12 November 2025, 5:59 PM IST
google-preferred

Lucknow: उत्तर प्रदेश स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) ने एक बड़ी कार्रवाई करते हुए फेन्सेडिल कफ सिरप और कोडीन युक्त नशे की दवाओं के अवैध कारोबार में लिप्त चार आरोपियों को गिरफ्तार किया है। यह गिरफ्तारी सहारनपुर जिले से की गई है। पकड़े गए आरोपियों में विभोर राणा, विशाल सिंह, बिट्टू कुमार और सचिन कुमार शामिल हैं। एसटीएफ ने इनके कब्जे से दो पिस्टल, 10 कारतूस, चार मोबाइल फोन और कई महत्वपूर्ण दस्तावेज बरामद किए हैं।

नशे के कारोबार का नेटवर्क बेनकाब

एसटीएफ को लंबे समय से जानकारी मिल रही थी कि फेन्सेडिल कफ सिरप को नशे के रूप में प्रयोग करने के लिए उत्तर प्रदेश से लेकर पश्चिम बंगाल और बांग्लादेश तक तस्करी की जा रही है। इस गिरोह के तार उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, बिहार, झारखंड, असम और पश्चिम बंगाल तक फैले थे। इस अवैध नेटवर्क की जांच के लिए उत्तर प्रदेश शासन ने फरवरी 2024 में एसटीएफ और खाद्य सुरक्षा एवं औषधि विभाग की संयुक्त टीम का गठन किया था।

एसटीएफ-वन विभाग का संयुक्त ऑपरेशन: 197 दुर्लभ प्रजाति के कछुओं के साथ दो तस्कर गिरफ्तार; पढ़ें पूरी खबर

गिरफ्तारी की कार्रवाई

एसटीएफ की टीम ने अपर पुलिस अधीक्षक लाल प्रताप सिंह के पर्यवेक्षण में यह कार्रवाई की। विभोर राणा और विशाल सिंह को क्राइम ब्रांच कार्यालय, पुलिस लाइन सहारनपुर से रात करीब 3:30 बजे गिरफ्तार किया गया। वहीं, उनके सहयोगी बिट्टू कुमार और सचिन कुमार को कचहरी रोड थाना सदर बाजार के पास गली में दिन में करीब 11:30 बजे पकड़ा गया।

फर्जी फर्मों के जरिए फेन्सेडिल की तस्करी

पूछताछ में विभोर राणा और विशाल सिंह ने खुलासा किया कि उन्होंने 2018 में “जी.आर. ट्रेडिंग” नाम की फर्म के जरिए एबॉट कंपनी से फेन्सेडिल की सुपर डिस्ट्रीब्यूशनशिप ली थी। इसके बाद उन्होंने फर्जी ड्रग लाइसेंस और फर्म बनवाकर दवा को कागजों पर बेचने का दिखावा किया, जबकि वास्तव में उसे बांग्लादेश में तस्करी करने वाले गिरोहों को ऊंचे दामों पर बेचा जाता था।
उन्होंने बताया कि इस धंधे से अब तक करीब 200 करोड़ रुपये की अवैध संपत्ति अर्जित की जा चुकी है।

कंपनी अधिकारियों की मिलीभगत का भी खुलासा

एसटीएफ की जांच में सामने आया है कि इस अवैध कारोबार में एबॉट कंपनी के कुछ अधिकारी, विभोर राणा के कर्मचारी अभिषेक शर्मा, शुभम शर्मा, संदीप शर्मा, दीपक राणा, संजय शर्मा और सीए अरुण सिंघल भी शामिल हैं। फर्जी फर्मों के माध्यम से पैसे के लेन-देन का पूरा नेटवर्क अभिषेक शर्मा संभालता था।

ललितपुर ठगी कांड: 50 हजार की इनामी महिला प्रियंका सिंह गिरफ्तार, एसटीएफ ने लखनऊ से दबोचा

अगली कार्रवाई लखनऊ में होगी

गिरफ्तार चारों आरोपियों को मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट, सहारनपुर के समक्ष प्रस्तुत कर ट्रांजिट रिमांड पर लखनऊ लाया जा रहा है। उनके विरुद्ध पहले से दर्ज मुकदमा  मु.अ.सं. 182/2024, धारा 420, 467, 468, 471, 34, 120बी, 201 भा.द.वि., थाना सुशांत गोल्फ सिटी, कमिश्नरेट लखनऊ में एसटीएफ द्वारा अग्रिम विधिक कार्रवाई की जा रही है। यह कार्रवाई एसटीएफ के लिए एक बड़ी उपलब्धि मानी जा रही है, जिसने नशे के व्यापार के एक अंतरराज्यीय गिरोह का पर्दाफाश किया है।

Location : 
  • Lucknow

Published : 
  • 12 November 2025, 5:59 PM IST