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फतेहपुर जिले में करीब दो दशक से जर्जर पड़े 50 नंबर रेलवे ओवरब्रिज (आरओबी) के जीर्णोद्धार कार्य में तेजी आ गई है। पुल की आरसीसी ढलाई शुरू हो चुकी है और लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) का लक्ष्य है कि जनवरी माह के अंत तक इसका पूर्ण पुनर्निर्माण कर इसे दोबारा यातायात के लिए खोल दिया जाए।
जर्जर ओवरब्रिज से परेशान लोग
Fatehpur: फतेहपुर जिले में करीब दो दशक से जर्जर पड़े 50 नंबर रेलवे ओवरब्रिज (आरओबी) के जीर्णोद्धार कार्य में तेजी आ गई है। पुल की आरसीसी ढलाई शुरू हो चुकी है और लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) का लक्ष्य है कि जनवरी माह के अंत तक इसका पूर्ण पुनर्निर्माण कर इसे दोबारा यातायात के लिए खोल दिया जाए। 500 मीटर लंबा यह ओवरब्रिज बांदा–सागर और कानपुर–प्रयागराज राष्ट्रीय राजमार्गों को जोड़ने वाला महत्वपूर्ण मार्ग है, जो लंबे समय से अपनी खराब दशा के कारण परेशानी का सबब बना हुआ था।
ओवरब्रिज की स्थिति बीते कई वर्षों से बेहद जर्जर हो चुकी थी। पुल पर जगह-जगह गहरे गड्ढे, टूटे हिस्से और कमजोर मेन पट्टा होने के कारण दुर्घटनाओं का खतरा लगातार बना रहता था। हालत यह थी कि वाहन चालकों को पुल पर चढ़ते ही दुर्घटना से बचने के लिए अपनी गति काफी धीमी करनी पड़ती थी, जिससे रोजाना हजारों वाहन प्रभावित होते थे।
फतेहपुर अपडेट: 20 साल पुराने जर्जर 50 नंबर रेलवे ओवरब्रिज का जीर्णोद्धार तेज़ी से जारी।
आरसीसी ढलाई शुरू
1.22 करोड़ की लागत से हो रहा पुनर्निर्माण
जनवरी तक पुल के खुलने की संभावना #Fatehpur #RailwayBridge #Development #UPNEWS pic.twitter.com/Sp8SdcmdUL— डाइनामाइट न्यूज़ हिंदी (@DNHindi) December 7, 2025
जनवरी में शासन ने पुल की मरम्मत के लिए 1.22 करोड़ रुपये की मंजूरी दी थी, जिसके बाद 23 सितंबर को इस पुल को पूरी तरह आवागमन के लिए बंद कर दिया गया। लोक निर्माण विभाग ने पुल की मरम्मत को प्राथमिकता देते हुए लगातार काम तेज किया है। विभागीय इंजीनियरों की निगरानी में ढलाई, टूटे हिस्सों को हटाने और नए निर्माण की प्रक्रिया बिना रुकावट जारी है।
यह पुल प्रतिदिन 4 से 5 हजार भारी वाहनों की आवाजाही का मार्ग है। कबरई की गिट्टी और मध्य प्रदेश की मौरंग खदानों से निकलने वाले ट्रक राजधानी लखनऊ, रायबरेली, उन्नाव, प्रतापगढ़ और कानपुर की ओर इसी रास्ते से गुजरते हैं। पुल बंद होने के बाद शहर के मुख्य चौराहों-जेल चौराहा, खागा मोड़, बिंदकी रोड और पनासी क्षेत्र-में लगातार जाम की स्थिति बनी हुई है। इसका असर आम जनता, छोटे व्यापारियों और स्कूल बसों की आवाजाही पर भी पड़ रहा है।
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पीडब्ल्यूडी के अधिशासी अभियंता ए.के. शील ने बताया कि पुल की आरसीसी ढलाई तेजी से की जा रही है और सभी तकनीकी मानकों का विशेष ध्यान रखा जा रहा है। उन्होंने कहा, “हमारा प्रयास है कि जनवरी के अंतिम सप्ताह तक पुल को पूरी तरह तैयार कर दिया जाए, ताकि वाहन चालकों को राहत मिल सके।”