फतेहपुर: सरकारी राशन घोटाले की जांच में मचा बवाल, जानें पूरा मामला

फतेहपुर के सरकंडी में सरकारी राशन घोटाले की जांच करने पहुंची अधिकारियों की टीम के सामने विवाद खड़ा हो गया। मुंजीकुंआ विद्यालय में जांच के दौरान शिकायतकर्ताओं और कोटेदारों के समर्थकों में कई बार झड़प की स्थिति बनी। पढ़ें पूरी खबर

फतेहपुर: असोथर विकासखंड की ग्राम पंचायत सरकंडी में सरकारी राशन घोटाले की जांच करने पहुंची अधिकारियों की टीम के सामने गुरुवार को विवाद खड़ा हो गया। मुंजीकुंआ विद्यालय में जांच के दौरान शिकायतकर्ताओं और कोटेदारों के समर्थकों में कई बार झड़प की स्थिति बनी। हालात बिगड़ते देख पुलिस को हल्का बल प्रयोग करना पड़ा।

दो कोटेदारों पर अनाज कटौती का आरोप

गौरतलब है कि सरकंडी गांव में एक ही स्थान से संचालित दो उचित दर की दुकानों पर गड़बड़ी की शिकायतें दर्ज हुई थीं। चार दर्जन से अधिक कार्डधारकों ने कोटेदार मिथिलेश कुमारी और शिवशंकर तिवारी उर्फ विद्दन पर खाद्यान्न में कटौती कर कम अनाज देने और विरोध करने पर धमकाने तक के आरोप लगाए थे। मामला जिलाधिकारी तक पहुंचा था।

जांच टीम ने बयान और स्टॉक रजिस्टर मिलाए

मामले की गंभीरता को देखते हुए जिलाधिकारी ने नायब तहसीलदार, क्षेत्रीय खाद्य अधिकारी, आपूर्ति निरीक्षक और लेखपालों की 10 सदस्यीय टीम गठित की। टीम ने विद्यालय में कार्डधारकों के बयान, कार्ड नंबर और हस्ताक्षर वीडियो रिकॉर्डिंग के साथ दर्ज किए। इसके बाद कोटेदारों के यहां जाकर खाद्यान्न और स्टॉक रजिस्टर का मिलान भी किया गया।

सिर्फ 150 कार्डधारकों के बयान दर्ज

गांव के 791 कार्डधारकों में से मात्र 150 के बयान दर्ज हो सके। शिकायतकर्ताओं का कहना है कि विद्यालय में एकत्र करके जांच करना उचित नहीं है और सच्चाई सामने लाने के लिए घर-घर जाकर जांच की जानी चाहिए।

जांच टीम में शामिल अधिकारी

जांच टीम में नायब तहसीलदार राकेश वर्मा, क्षेत्रीय खाद्य अधिकारी उमेश कुमार शुक्ला, आपूर्ति निरीक्षक मयंक श्रीवास्तव, राजस्व निरीक्षक रामआसरे विश्वकर्मा, चार लेखपाल और अन्य अधिकारी शामिल रहे। टीम ने मीडिया से बात करने से परहेज किया और पूरी रिपोर्ट जिलाधिकारी को सौंपने की बात कही।

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