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उत्तर प्रदेश के बाराबंकी जिले में दहेज लोभियों की हैवानियत का एक और शर्मनाक मामला सामने आया है। पढ़िए डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट
दहेज लोभियों की हैवानियत
बाराबंकी: उत्तर प्रदेश के बाराबंकी जिले में दहेज लोभियों की हैवानियत का एक और शर्मनाक मामला सामने आया है। दहेज की मांग पूरी न होने पर एक विवाहिता को न सिर्फ ससुराल से निकाल दिया गया, बल्कि उसे धमकी दी गई कि अगर पैसे नहीं दिए गए तो उसके पति की दूसरी शादी कर दी जाएगी। पीड़िता ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई है और न्याय की गुहार लगाई है।
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के मुताबिक, थाना जैदपुर क्षेत्र के ग्राम बीबीपुर निवासी जूली वर्मा ने पुलिस को दी शिकायत में बताया कि उसका विवाह वर्ष 2019 में थाना कोठी क्षेत्र के ग्राम कुम्मरावां निवासी ओमकार वर्मा से पारंपरिक रीति-रिवाज के अनुसार हुआ था। विवाह के कुछ ही समय बाद से उसके ससुराल वाले दहेज के लिए परेशान करने लगे। जूली का आरोप है कि उसके पति ओमकार, सास आशा देवी, ससुर गोपीनाथ और देवर जयकार लगातार दो लाख रुपये की मांग कर रहे थे।
जूली ने बताया कि जब उसने और उसके मायके वालों ने इस मांग को पूरा करने में असमर्थता जताई, तो ससुरालवालों ने उसे मानसिक और शारीरिक रूप से प्रताड़ित करना शुरू कर दिया। कुछ समय बाद पूरा परिवार लखनऊ के मायापुरी कॉलोनी (थाना गुडम्बा क्षेत्र) में रहने लगा, लेकिन वहां भी उसकी तकलीफें कम नहीं हुईं।
जूली के अनुसार, एक बेटी को जन्म देने के बाद भी उसके साथ ससुराल वालों का व्यवहार नहीं बदला। 21 मई की रात को जूली को बुरी तरह पीटा गया और एक कमरे में बंद कर दिया गया। उसे रातभर भूखा-प्यासा रखा गया और अगले दिन जबरन घर से निकाल दिया गया।
किसी तरह जूली ने अपने मायके फोन कर मदद मांगी। जब उसके परिजन पहुंचे तो ससुराल वालों ने एक बार फिर दो लाख रुपये की मांग दोहराई और साफ कह दिया कि बिना दहेज के वह बहू को नहीं रखेंगे। उसकी सास ने खुलेआम यह धमकी दी कि वह अपने बेटे की दूसरी शादी कर देगी।
जूली अपनी मासूम बेटी को लेकर मायके लौट आई है। उसने स्थानीय थाने में पति, सास, ससुर और देवर के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई है। पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है और जांच शुरू कर दी है।
इस घटना ने एक बार फिर दहेज प्रथा के भयावह चेहरे को उजागर किया है, जहाँ आज भी बेटियों को पैसों के तराजू में तोला जाता है। महिला सुरक्षा और सम्मान की बड़ी-बड़ी बातें करने वाला समाज ऐसे मामलों में बार-बार असफल होता नजर आता है।
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