वाराणसी: अविमुक्तेश्वरानन्द सरस्वती का योगी पर हमला, कहा- सीएम में जनता का सामना करने का साहस नहीं

डीएन संवाददाता

मंदिर बचाओ आन्दोलन के तहत 29 मई तक काशी के पौराणिक मंदिरों यात्रा पर निकले स्वामिश्री अविमुक्तेश्वरानन्द सरस्वती ने आंदोलनकारियों से प्रस्तावित वार्ता को टालने पर यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ पर जोरदार हमला बोला है। पूरी खबर..

जनता से बात करते स्वामिश्री अविमुक्तेश्वरानन्द सरस्वती
जनता से बात करते स्वामिश्री अविमुक्तेश्वरानन्द सरस्वती


वाराणसी: मंदिर बचाओ आन्दोलन के तहत 29 मई तक काशी के पौराणिक मंदिरों की यात्रा कर लोगों को जागरूक बनाने में जुटे स्वामिश्री अविमुक्तेश्वरानन्द सरस्वती ने यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ पर जोरदार हमला बोला है। उन्होंने कहा कि योगी का मंदिर बचाओ आंदोलन के लोगों के साथ वार्ता को टाल देना दर्शाता है कि उनमें अब जनता का सामना करने के साहस खत्म हो गया है। 

गौरतलब है कि काशी में मंदिरों और मूर्तियों को तोड़ने और पेड को काटे जाने के विरुद्ध चलाए जा रहे "मंदिर बचाओ आंदोलन" के लोगों को मुख्यमंत्री ने शनिवार को वार्ता के लिए आमंत्रित किया था, लेकिन सुरक्षा कारणों का हवाला देते हुए प्रशासन ने सीएम की यह प्रस्तावित वार्ता और यात्रा टाल दी थी, जिसके बाद अविमुक्तेश्वरानन्द सरस्वती ने सीएम पर निशाना साधा।

अविमुक्तेश्वरानन्द ने कहा कि जिस तरह से सीएम योगी को बीच रास्ते में रोककर वापस लौटाया गया, उससे पता चलता है कि मुख्यमंत्री के अंदर जनता का सामना करने का साहस समाप्त हो गया है। यह बात अविमुक्तेश्वरानन्द ने लोहटिया चौराहे से लक्ष्मी कुंड लौटने के उपरांत लोगों को संबोधित करते हुए कही। 

 

स्वामी से बातचीत करते अधिकारी

अविमुक्तेश्वरानन्द की यह यात्रा 16 मई को संगमेश्वर से आरंभ हुई थी। पहले दिन उन्होंने शिवाला के देवता के दर्शन किये और माता आनंदमई अस्पताल के अंतर्गत संत निवास में रुके। दूसरे दिन वहाँ से चलकर शिवाला, हनुमान घाट, केदार घाट, के क्षेत्रों के मंदिर का दर्शन करते हुए  वे मानसरोवर के आन्ध्रा आश्रम में रुके। अगले दिन दशाश्वमेध जोन के मंदिर का दर्शन करते हुए त्रिपुरभैरवी के अध्यात्म योगमठ में रुके और चौथे दिन वहाँ से चलकर मंदिर का दर्शन करते हुए लक्ष्मी कुंड के कालीमठ में रुके।

चौथे दिन उनको मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का संदेश आया कि वह आज काशी आ रहे हैं और स्वामिश्री से बात करना चाहते हैं। अविमुक्तेश्वरानंद ने सीएम को संदेश दिया कि यदि संभव हो तो वे लक्ष्मी कुंड या आस-पास के किसी भवन में पधारें, ताकि वहां मुलाकात हो सके। लेकिन इसी बीच जिलाधिकारी योगेश्वर राम मिश्र की ओर से कहां गया कि मुख्यमंत्री की सुरक्षा का सवाल है, इसलिए उनका सर्किट हाउस के अतिरिक्त किसी और स्थान पर आना संभव नहीं है। लेकिन उनकी इच्छा है कि आंदोलनकारियों से वार्ता हो। डीएम ने अविमुक्तेश्वरानंद से सर्किट हाउस में आने का निवेदन किया। स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने कहा कि यद्यपि भारत में ऐसी परंपरा नहीं है कि कोई आंदोलनकारी वार्ता करने के लिए नेता के पास या सरकार के पास जाए लेकिन यहां सवाल मान-सम्मान का नहीं बल्की काशी में टूट रहे मंदिरों और धरोहरों का है। इसलिए हम नंगे पांव पैदल ही चलकर मुख्यमंत्री की सुविधा को देखते हुए सर्किट हाउस चले जाएंगे।

अधिकारियों से तय बातचीत के आधार पर अविमुक्तेश्वरानंद 20 आंदोलनकारियों के साथ नंगे पांव ही सीएम से मिलने सर्किट हाउस पैदल निकल गये। लेकिन डीएम समेत अन्य अधिकारियों ने कहा कि सीएम से मिलने के लिये उन्हें गाड़ी में ही जाना होगा। जिससे स्वामी ने इंकार कर दिया। काफी बहस के बाद अधिकारियों ने सुरक्षा का हवाला दिया जिसके बाद सीएम से अविमुक्तेश्वरानंद औऱ आंदोलनकारियों की बातचीत नहीं हो सकी। इससे नाराज स्वामी ने सीएम पर जनता के बीच जाकर जमकर हमला बोला। 
 










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