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क्यों रखते हैं ऱोजे, जानिए इससे जुड़ी मान्यताएं..

रमज़ान का पवित्र महीना रविवार से शुरू होगा। माना जा रहा है कि शनिवार को चांद दिखाई देगा। चांद दिखाई देने पर ही रमज़ान की शुरूआत होती है और चांद दिखने पर ही ईद-उल-फितर मनाया जाता है।
Post Published By: डीएन ब्यूरो
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क्यों रखते हैं ऱोजे, जानिए इससे जुड़ी मान्यताएं..

नई दिल्ली: इस्लाम धर्म में रमजान को सबसे पवित्र महीना माना गया है। रमजान को अरबी भाषा में 'रमादान' कहते हैं। रमजान के महीने में मुस्लिम समुदाय के लोग रोजा रखते हैं। इस बार पहला रोजा 15 घंटे लंबा होगा। इस साल रमजान 28 मई से शुरू हो रहा है।

सूरज उगने से पहले करते हैं सहरी
रोजेदार सूर्योदय के बाद से लेकर सूरज ढलने तक बिना खाए पिए रहते हैं। रोजेदार सूर्योदय से पहले सहरी करते है यानि कुछ खा लेते हैं और शाम को सूरज ढलने के बाद इफ्तार करके रोजा खोलते हैं। वैसे दुनिया भर में रोजे के घंटों का समय अलग-अलग होता है।

रमजान से जुड़ी मान्यताएं

रोजेदार इन बातों का रखें ध्यान

रोजे के दौरान खाने का विशेष तौर पर ध्यान रखें। इफ्तार के बाद ज्यादा से ज्यादा पानी पीने की सलाह दी जाती है क्योंकि रोजा रखने से शरीर में पानी की कमी हो जाती है। रमजान के महीने में रोजा रखने वाले पुरुषों को 2.5 लीटर और वहीं औरतों को 2 लीटर पानी पीने की सलाह दी जाती है। इफ्तार के समय एक साथ ज्यादा पानी नहीं पीना चाहिए। कुछ खाने के बाद ही धीरे-धीरे पानी पीना चाहिए।

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