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Varalakshmi Vrat 2025: इस बार कब है वरलक्ष्मी व्रत, जानें तिथि, मुहूर्त और महत्व

वरलक्ष्मी व्रत एक स्त्री प्रधान पर्व है, जिसमें महिलाएं देवी लक्ष्मी से परिवार की समृद्धि, सुख और संतान की कामना करती हैं। यह व्रत सावन मास के अंतिम शुक्रवार को मनाया जाता है। जानिए 2025 में यह पर्व कब है, कैसे मनाया जाता है और इसका धार्मिक महत्व क्या है।
Post Published By: Sapna Srivastava
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Varalakshmi Vrat 2025: इस बार कब है वरलक्ष्मी व्रत, जानें तिथि, मुहूर्त और महत्व

New Delhi: वरलक्ष्मी व्रत एक ऐसा पर्व है जिसे मुख्य रूप से विवाहित महिलाएं करती हैं। यह देवी महालक्ष्मी के वर रूप की पूजा का पर्व है, जिसे विशेष रूप से दक्षिण भारत कर्नाटक, तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश और महाराष्ट्र में बड़े श्रद्धा भाव से मनाया जाता है। इस दिन महिलाएं देवी लक्ष्मी से परिवार के कल्याण, धन, सुख-समृद्धि और संतान प्राप्ति के लिए प्रार्थना करती हैं।

वरलक्ष्मी व्रत 2025 की तिथि

इस वर्ष वरलक्ष्मी व्रत 8 अगस्त 2025, शुक्रवार को मनाया जाएगा। यह व्रत सावन माह के अंतिम शुक्रवार को रखा जाता है।

पूजा के लिए शुभ मुहूर्त

प्रातः सिंह लग्न: सुबह 06:29 से 08:46 तक

अपराह्न वृश्चिक लग्न: दोपहर 01:22 से 03:41 तक

संध्या कुम्भ लग्न: शाम 07:27 से 08:54 तक

मध्यरात्रि वृषभ लग्न: रात 11:55 से 01:50 (9 अगस्त)

कब है वरलक्ष्मी व्रत (सोर्स-गूगल)

पूजा विधि और परंपरा

इस दिन महिलाएं उपवास रखती हैं और मां लक्ष्मी की मूर्ति को नए वस्त्रों और आभूषणों से सजाती हैं। पूजा में हल्दी, कुमकुम, फूल, फल, नैवेद्य और विशेष रूप से नौ गांठों वाला पीला धागा (तोरम) देवी को अर्पित किया जाता है। यह धागा महिलाएं बाद में अपने दाहिने हाथ में बांधती हैं, जिसे सुरक्षा और समृद्धि का प्रतीक माना जाता है।

महिलाओं के बीच आपसी बंधन का प्रतीक

इस व्रत की एक और विशेषता यह है कि स्त्रियां एक-दूसरे को देवी लक्ष्मी का स्वरूप मानकर आदर देती हैं और वस्त्र, मिठाइयां, धन और श्रृंगार का आदान-प्रदान करती हैं। इससे न केवल धार्मिक भावनाएं बलवती होती हैं, बल्कि सामाजिक बंधन भी मजबूत होते हैं।

धार्मिक मान्यता और महत्व

ऐसा माना जाता है कि वरलक्ष्मी व्रत करने से देवी लक्ष्मी प्रसन्न होती हैं और घर में धन, आरोग्य, ऐश्वर्य और संतति का आगमन होता है। यह व्रत महिलाओं के आत्मबल और श्रद्धा का सशक्त उदाहरण है।

डिस्क्लेमर

यह लेख धार्मिक मान्यताओं और परंपराओं पर आधारित है। इसमें दी गई जानकारी विभिन्न धार्मिक स्रोतों और मान्यताओं पर आधारित है। डाइनामाइट न्यूज़ इस लेख में दी गई जानकारी को लेकर किसी तरह का दावा नहीं करता है।

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