New Delhi: रक्षाबंधन भाई-बहन के अटूट प्रेम और विश्वास का प्रतीक पर्व है, जो हर साल सावन पूर्णिमा के दिन मनाया जाता है। इस वर्ष यह पर्व शनिवार, 9 अगस्त 2025 को मनाया जाएगा। यह दिन केवल राखी बांधने तक सीमित नहीं है, बल्कि इसमें शुभ समय, सही दिशा और शुद्ध मन से की गई पूजा का विशेष महत्व होता है।
राखी बांधने का शुभ मुहूर्त
- रक्षाबंधन के दिन किसी भी समय राखी बांधना उचित नहीं माना जाता।
- धार्मिक ग्रंथों और पंचांग के अनुसार राखी बांधने का कार्य केवल शुभ मुहूर्त में ही किया जाना चाहिए।
- इस वर्ष राखी बांधने का शुभ समय सुबह 05:47 से दोपहर 01:05 तक रहेगा।
- इस अवधि में भाई की कलाई पर राखी बांधना अत्यंत फलदायी और शुभ माना जाता है।
भद्रा और राहुकाल से करें परहेज
- हिंदू पंचांग के अनुसार भद्रा काल और राहुकाल को अशुभ माना जाता है।
- इन समयों में कोई भी शुभ कार्य नहीं किया जाता।
- रक्षाबंधन के दिन भी इन अशुभ कालों से बचना चाहिए।
- इस बार राहत की बात यह है कि 9 अगस्त को भद्राकाल नहीं रहेगा।
- हालांकि, सुबह 09:00 बजे से 10:30 बजे तक राहुकाल रहेगा, अतः इस अवधि में राखी बांधने से बचें।
पूजा की थाली में रखें ये आवश्यक वस्तुएं
राखी बांधने से पहले पूजा की थाली को विधिपूर्वक सजाना अत्यंत आवश्यक है। थाली में निम्नलिखित वस्तुएं जरूर होनी चाहिए:
• अक्षत (चावल)
• रोली
• राखी
• दीपक (घी का)
• मिठाई
• नारियल
• जल का लोटा
इन वस्तुओं के बिना रक्षाबंधन की पूजा अधूरी मानी जाती है।
दिशा और रंग का रखें ध्यान
राखी बांधते समय दिशा का भी विशेष महत्व होता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, पूर्व या उत्तर दिशा की ओर मुख करके राखी बांधनी चाहिए। वहीं दक्षिण दिशा की ओर मुख करके राखी बांधना वर्जित माना गया है क्योंकि यह दिशा यमराज की मानी जाती है। इसके अलावा काले रंग से भी बचाव करना चाहिए। हिंदू धर्म में काले रंग को नकारात्मकता और अशुभता से जोड़ा गया है। इसलिए रक्षाबंधन पर न तो काले रंग की राखी बांधें, न ही इस रंग के वस्त्र पहनें।

