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Onam 2025: केरल का सबसे बड़ा पर्व ओणम 5 सितंबर को, जानिए इस त्योहार की खास बातें

केरल का पारंपरिक और सांस्कृतिक पर्व ओणम इस वर्ष 5 सितंबर 2025 को धूमधाम से मनाया जाएगा। यह 10 दिनों तक चलने वाला उत्सव राजा महाबली की स्मृति और उनके पुनः पृथ्वी पर आगमन की मान्यता से जुड़ा है। जानिए ओणम से जुड़ी खास जानकारियाँ और तिथियां।
Post Published By: Sapna Srivastava
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Onam 2025: केरल का सबसे बड़ा पर्व ओणम 5 सितंबर को, जानिए इस त्योहार की खास बातें

New Delhi: केरल का सबसे बड़ा और प्रतीक्षित पर्व ओणम इस वर्ष 5 सितंबर 2025 को मनाया जाएगा। यह पर्व न केवल धार्मिक और पौराणिक मान्यताओं से जुड़ा हुआ है, बल्कि सांस्कृतिक उत्सव के रूप में भी इसे पूरे राज्य में बेहद धूमधाम से मनाया जाता है। ओणम का मुख्य दिन थिरुवोणम नक्षत्र में आता है, जो इस साल 5 सितंबर को पड़ रहा है।

क्या है ओणम का महत्व?

ओणम का पर्व राजा महाबली की धरती पर वार्षिक वापसी के उपलक्ष्य में मनाया जाता है। पौराणिक कथाओं के अनुसार, प्राचीन काल में केरल में राजा महाबली का शासन था, जो बहुत ही धर्मप्रिय और प्रजावत्सल राजा माने जाते थे। उनके शासनकाल को स्वर्ण युग के रूप में याद किया जाता है। मान्यता है कि भगवान विष्णु ने वामन रूप में अवतार लेकर महाबली से तीन पग भूमि मांगी थी और उन्हें पाताल लोक भेज दिया। लेकिन महाबली को वरदान प्राप्त था कि वह हर साल अपनी प्रजा से मिलने धरती पर आ सकें। ओणम उसी आगमन की याद में मनाया जाता है।

ओणम का कैलेंडर 2025

कैसे मनाते हैं ओणम?

  1. ओणम के दौरान पूरे केरल में एक खास उत्सव का माहौल होता है।
  2. फूलों की रंगोली (पूकलम): घरों के बाहर फूलों से बनी रंगोली सजाई जाती है।
  3. ओणम साद्य: यह खास पारंपरिक भोजन होता है जो केले के पत्ते पर परोसा जाता है और इसमें 20 से अधिक प्रकार के व्यंजन होते हैं।
  4. नौका दौड़ (वल्लम कली): केरल की प्रसिद्ध नावों की दौड़ इस दौरान आयोजित होती है।
  5. पुलीकली और अन्य लोकनृत्य: पुरुष बाघ जैसी बॉडी पेंटिंग करके सड़कों पर नृत्य करते हैं, जिसे पुलीकली कहा जाता है।
  6. मेलों और झांकियों का आयोजन: गांव-गांव में सांस्कृतिक कार्यक्रम होते हैं।
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