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Jyeshtha Purnima 2025: कब है ज्येष्ठ पूर्णिमा, जानें पवित्र स्नान, दान और पुण्य का शुभ मुहूर्त

ज्येष्ठ मास की पूर्णिमा का विशेष महत्व है। यह दिन न केवल आध्यात्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण माना जाता। डाइनामाइट न्यूज़ की रिपोर्ट में जानिए कब है ज्येष्ठ पूर्णिमा
Post Published By: Sapna Srivastava
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Jyeshtha Purnima 2025: कब है ज्येष्ठ पूर्णिमा, जानें पवित्र स्नान, दान और पुण्य का शुभ मुहूर्त

नई दिल्ली: हिंदू धर्म में ज्येष्ठ मास की पूर्णिमा का विशेष महत्व है। यह दिन न केवल आध्यात्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण माना जाता है, बल्कि सामाजिक रूप से भी इसका गहरा प्रभाव है। मान्यता है कि इस दिन पवित्र नदियों में स्नान करने से समस्त पापों से मुक्ति मिलती है और मनवांछित फल की प्राप्ति होती है। इसके साथ ही दान करने से पितरों की कृपा प्राप्त होती है और जीवन में सुख-शांति आती है।

ज्येष्ठ पूर्णिमा 2025 की तिथि और समय

पंचांग के अनुसार, वर्ष 2025 में ज्येष्ठ पूर्णिमा तिथि 10 जून को प्रातः 11:35 बजे प्रारंभ होगी और 11 जून को दोपहर 01:13 बजे समाप्त होगी। इस कारण से दोनों दिन 10 और 11 जून ज्येष्ठ पूर्णिमा के रूप में माने जाएंगे और स्नान, दान एवं पूजा का विशेष महत्त्व रहेगा।

स्नान-दान के शुभ मुहूर्त

10 जून को स्नान-दान के मुहूर्त

अभिजित मुहूर्त: 11:53 AM से 12:49 PM तक

विजय मुहूर्त: 02:40 PM से 03:36 PM तक

लाभ चौघड़िया (उन्नति हेतु): 10:36 AM से 12:21 PM तक

अमृत चौघड़िया (सर्वोत्तम): 12:21 PM से 02:05 PM तक

शुभ चौघड़िया (उत्तम): 03:50 PM से 05:34 PM तक

11 जून को स्नान-दान के मुहूर्त

प्रातः मुहूर्त: 04:02 AM से 04:42 AM तक

दूसरा मुहूर्त: 10:35 AM से 12:20 PM तक

लाभ चौघड़िया: 05:23 AM से 07:07 AM

अमृत चौघड़िया: 07:07 AM से 08:52 AM

शुभ चौघड़िया: 10:36 AM से 12:21 PM

पूजा और धार्मिक मान्यता

ज्येष्ठ पूर्णिमा के दिन भगवान विष्णु और भगवान शंकर की पूजा का विशेष विधान है। भक्तगण व्रत रखते हैं और पूजा-अर्चना कर परिवार की सुख-शांति एवं समृद्धि की कामना करते हैं। मान्यता है कि इस दिन किए गए धार्मिक कार्यों का फल कई गुना बढ़कर प्राप्त होता है।

ज्येष्ठ पूर्णिमा पर क्या करें दान?

इस दिन शीतलता प्रदान करने वाली वस्तुओं का दान करना विशेष शुभ फलदायक माना जाता है। जल से भरे घड़े, मिट्टी के कुल्हड़, पंखे, खस के चटाई, खीरा, ककड़ी, तरबूज, सत्तू, सूती वस्त्र, अन्न और धन का दान करने से पुण्य की प्राप्ति होती है। खासतौर पर इस दिन प्यासे को पानी पिलाना या सार्वजनिक जल प्याऊ की व्यवस्था करना अत्यंत पुण्यकारी माना जाता है।

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