New Delhi: अमेरिका ने ईरान के तीन प्रमुख परमाणु ठिकानों नतांज, इस्फहान और फोर्डो पर एक सीक्रेट मिशन ‘ऑपरेशन मिडनाइट हैमर’ के तहत हमला किया। इस हमले को अमेरिका की सैन्य सफलता के तौर पर देखा गया, लेकिन अब यह ऑपरेशन एक नई बहस और रहस्य का कारण बन गया है। इस ऑपरेशन में शामिल अमेरिका का एक B-2 स्टेल्थ बॉम्बर लापता हो गया है।
इस मिशन के लिए दो B-2 बॉम्बर ग्रुप्स ने व्हाइटमैन एयर फोर्स बेस (मिसौरी) से उड़ान भरी थी। एक ग्रुप ने प्रशांत महासागर के ऊपर से पश्चिम दिशा की ओर बढ़ते हुए चकमा देने का कार्य किया, जबकि दूसरा ग्रुप ईरान की दिशा में जाकर सटीक एयर स्ट्राइक को अंजाम देने के लिए भेजा गया था, जो अब लापता है।
क्या सच में लापता हुआ B-2 बॉम्बर?
रिपोर्ट्स में कहा गया है कि सात B-2 बॉम्बर्स वाले मिशन में से एक विमान बेस पर वापस नहीं लौटा। यह भी बताया जा रहा है कि अमेरिका की ओर से अब तक इस खबर की न तो पुष्टि की गई है और न ही खंडन किया गया है। ऐसे में सवाल उठ रहे हैं कि क्या कोई तकनीकी खराबी हुई, या यह विमान किसी खास जगह पर गुप्त रूप से तैनात कर दिया गया?
B-2 बॉम्बर अपनी स्टेल्थ तकनीक के लिए प्रसिद्ध है। इसे रडार या अन्य निगरानी उपकरणों से ट्रैक करना बेहद कठिन होता है। यही वजह है कि इस विमान की मौजूदगी और गतिविधियां सामान्यतः गोपनीय रखी जाती हैं।
होनोलुलु में इमरजेंसी लैंडिंग की खबर
इसी बीच सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा है जिसे पूर्व पायलट डेविड मार्टिन ने एक्स (पूर्व ट्विटर) पर साझा किया। इस वीडियो में एक B-2 बॉम्बर होनोलुलु के डैनियल के. इनौये इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर खड़ा दिख रहा है। रिपोर्ट्स में कहा गया है कि इस विमान ने इमरजेंसी लैंडिंग की थी और अब तक वहीं मौजूद है।
B2 Stealth bomber sitting alone and guarded in Honolulu International. Just captured this on the taxi out. No reports online of a B2 here. This is the closest I’ve been to one. @grok says: There are no reports of a B-2 stealth bomber currently stationed or “sitting” at Daniel… pic.twitter.com/jlPl3MwiNd
— David Martin (@Sir_DavidMartin) June 24, 2025
इस तस्वीर और वीडियो के सामने आने के बाद यह अनुमान लगाया जा रहा है कि यही वही लापता बॉम्बर हो सकता है, हालांकि अमेरिका की ओर से कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है।
सवालों में घिरा मिशन
सैन्य विश्लेषकों का कहना है कि संभव है B-2 का रेडियो बंद हो गया हो, जिससे उसकी लोकेशन नहीं मिल पा रही हो। वहीं कुछ एक्सपर्ट्स मानते हैं कि अमेरिका जानबूझकर इस मिशन के कुछ हिस्सों को सीक्रेट रखना चाहता है।
इस ऑपरेशन के बाद अमेरिका की सैन्य रणनीति और B-2 की मौजूदगी को लेकर उठे सवालों ने पूरी दुनिया का ध्यान अपनी ओर खींचा है। अब देखना होगा कि अमेरिका इस पर कब और क्या सफाई देता है।