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लाल किले के पास हुए कार बम धमाके की जांच में फरीदाबाद गिरफ्तारी से बड़े सुराग मिले हैं। जांच में पता चला है कि संदिग्ध कथित रूप से 6 दिसंबर को बड़े हमले की साजिश कर रहा था। एजेंसियां पूरे नेटवर्क का भंडाफोड़ करने के लिए जांच कर चुकी हैं।
दिल्ली लाल किला धमाका
New Delhi: देश की राजधानी दिल्ली में लाल किले के पास हुए कार बम धमाके की जांच में नए तथ्य सामने आए हैं। जांचकर्ताओं का कहना है कि कार चालक, जिनकी पहचान डॉ. उमर नबी के तौर पर हुई है, कथित तौर पर 6 दिसंबर बाबरी मस्जिद विध्वंस की बरसी पर एक बड़े, सामूहिक हमले की साजिश रचा रहा था। अधिकारियों के मुताबिक यह खुलासा फरीदाबाद में पकड़े गए आठ संदिग्धों से हुई पूछताछ के दौरान हुआ। जांच अभी चल रही है और सुरक्षा एजेंसियाँ साजिश के पूरे नेटवर्क की तह तक पहुँचने की कोशिश कर रही हैं।
जांच में यह भी बताया गया है कि गिरफ्तार लोग एक संगठित मॉड्यूल के हिस्से थे जिनके तार कश्मीर, हरियाणा और उत्तर प्रदेश तक फैले हुए थे। सूत्रों का कहना है कि मॉड्यूल का संबंध पाकिस्तान स्थित किसी आतंकी संगठन से जोड़ा जा रहा है, और गिरफ्तार आरोपियों से पूछताछ में कई अहम लिंक सामने आए हैं। प्रारम्भिक जानकारियों के अनुसार मॉड्यूल में शामिल कुछ सदस्य उच्च शिक्षा प्राप्त थे और समुदायों में सम्मानीय पदों पर थे, लेकिन उनकी गतिविधियों ने कथित आरोपों को जन्म दिया है।
आधिकारिक विवरण के अनुसार 10 नवंबर को लाल किले के पास विस्फोटक सामग्री से भरी एक कार में धमाका हुआ। जिसमें चालक समेत कई लोग घायल और मृत हुए। पुलिस और सुरक्षा एजेंसियों ने बताया कि कुछ समय पहले ही फरीदाबाद में एक साथी की गिरफ्तारी और कुछ सामग्री की बरामदगी की सूचना मिलने के बाद चालक में घबराहट पनपी, जिससे समय से पहले विस्फोट हो गया। घटना में अब तक दर्ज मौतों और घायलों का आँकड़ा स्थानीय प्रशासन द्वारा जारी किया जा रहा है।
फरीदाबाद में विश्वविद्यालय परिसर से एक व्यक्ति की गिरफ्तारी के बाद, जांच का दायरा तेजी से बढ़ा। गिरफ्तारी के साथ ही बड़ी मात्रा में संदिग्ध सामग्री बरामद होने की सूचना मिली, जिसे सुरक्षा एजेंसियाँ संभावित साजिश से जोड़ कर देख रही हैं। गिरफ्तारियों और बरामदगी के मद्देनजर पुलिस ने कहा है कि आगे की पूछताछ से और भी तथ्य उजागर हो सकते हैं और इसी के आधार पर और गिरफ्तारी सम्भव है।
जांच में यह भी सामने आया कि संदिग्धों में से कुछ कश्मीर के विभिन्न हिस्सों के निवासी हैं। श्रीनगर, पुलवामा, शोपियां और कुलगाम के नाम सूचीबद्ध किए गए हैं। इनके अलावा राजधानी के बाहर से भी एक आरोपी की पहचान हुई है। सूत्रों के अनुसार कुछ संदिग्धों का शैक्षणिक रिकॉर्ड अच्छा था, पर विदेश यात्राओं और कथित संपर्कों के बाद उनकी विचारधारा में बदलाव आया। पुलिस ने कहा है कि इस पृष्ठभूमि की विवेचना भी जारी है ताकि यह पता चल सके कि किस प्रकार व्यक्तियों का मरीज की तरह चरित्र में बदलाव हुआ और किन परिस्थितियों ने उन्हें कथित साजिश में शामिल किया।
केंद्रीय और राज्य स्तर की एजेंसियाँ इस मामले में संयुक्त रूप से जांच कर रही हैं। फॉरेंसिक टीमों, खुफिया इकाइयों और स्थानीय पुलिस का समन्वय जारी है। अधिकारी इस बात पर जोर दे रहे हैं कि पूरे नेटवर्क का भंडाफोड़ करना प्राथमिक लक्ष्य है, न केवल उन लोगों को दण्डित करना जो प्रत्यक्ष रूप से शामिल थे, बल्कि उन तारों को भी काटना जो तस्करी, वित्त और बाहर सम्पर्क के जरिए सक्रिय रहे। जिन स्थानों से सामग्री लाई और भेजी जा रही थी, उनकी विस्तृत छानबीन जारी है।