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दिल्ली कार विस्फोट मामले के बाद अब पश्चिम बंगाल के बीरभूम जिले से 20 हजार जिलेटिन छड़ें बरामद होने से सुरक्षा एजेंसियों की चिंता बढ़ गई है। झारखंड के पाकुड़ से लाई गई ये जिलेटिन छड़ें अवैध रूप से बंगाल पहुंचाई जा रही थीं।
पश्चिम बंगाल पुलिस
Kolkata: राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में हाल ही में हुए कार विस्फोट की जांच जारी है और इसी बीच पश्चिम बंगाल पुलिस ने एक बड़ा खुलासा किया है। बीरभूम जिले के सुल्तानपुर नलहाटी रोड पर एक पिकअप वैन से 20,000 जिलेटिन छड़ें बरामद की गई हैं। इतनी बड़ी मात्रा में विस्फोटक मिलने से न केवल बंगाल बल्कि देशभर की सुरक्षा एजेंसियों में हड़कंप मच गया है।
पश्चिम बंगाल पुलिस के मुताबिक, यह पिकअप वैन झारखंड के पाकुड़ जिले से बंगाल के बीरभूम में दाखिल हुई थी। पुलिस ने गुप्त सूचना के आधार पर मंगलवार की रात इस वाहन को सुल्तानपुर-नलहाटी रोड पर रोककर तलाशी ली। जांच में पता चला कि वैन में कुल 50 बैगों में 20 हजार जिलेटिन छड़ें भरी हुई थीं। चालक से जब दस्तावेज मांगे गए तो वह कोई वैध परमिट नहीं दिखा सका। इसके बाद वाहन को जब्त कर चालक को गिरफ्तार कर लिया गया। पुलिस अब यह पता लगाने की कोशिश कर रही है कि यह माल कहां से लाया गया और किसे पहुंचाया जाना था।
दिल्ली में हुए लालकिला कार ब्लास्ट के बाद यह बरामदगी बेहद महत्वपूर्ण मानी जा रही है। जांच एजेंसियां इस बात की पड़ताल कर रही हैं कि क्या बीरभूम में पकड़ी गई यह वैन कहीं फरीदाबाद के जैश-ए-मोहम्मद आतंकी मॉड्यूल से जुड़ी तो नहीं है। दिल्ली विस्फोट की जांच में पहले ही यह बात सामने आ चुकी है कि जैश मॉड्यूल के सदस्य कई राज्यों में सक्रिय हैं, जिनमें उत्तर प्रदेश, हरियाणा, झारखंड और बंगाल शामिल हैं। इसलिए अब एनआईए और एटीएस भी इस मामले में बंगाल पुलिस के साथ समन्वय में जांच कर रही हैं।
जिलेटिन छड़ें आमतौर पर खनन, निर्माण और ब्लास्टिंग कार्यों में इस्तेमाल की जाती हैं। ये विस्फोटक अपेक्षाकृत सस्ते होते हैं, लेकिन इनका इस्तेमाल गलत हाथों में पड़ने पर बेहद खतरनाक साबित हो सकता है। विशेषज्ञों के मुताबिक, जिलेटिन छड़ों में नाइट्रोग्लिसरीन जैसे तत्व होते हैं, जिनसे बम तैयार करना आसान होता है। इन्हें डेटोनेटर और अन्य रासायनिक यौगिकों के साथ मिलाकर नियंत्रित विस्फोटक बनाया जा सकता है। यही कारण है कि इनका अनधिकृत परिवहन और बिक्री गंभीर अपराध मानी जाती है।
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इस बरामदगी के बाद पश्चिम बंगाल सरकार ने पूरे राज्य में हाई अलर्ट घोषित कर दिया है। बीरभूम, मुर्शिदाबाद और आसनसोल जैसे सीमावर्ती जिलों में सुरक्षा बढ़ा दी गई है। पुलिस ने बस स्टैंड, रेलवे स्टेशन, बाजारों और धार्मिक स्थलों पर अतिरिक्त बल तैनात किया है। सीसीटीवी निगरानी को भी बढ़ाया गया है ताकि किसी भी संदिग्ध गतिविधि पर तुरंत कार्रवाई की जा सके।
राज्य के गृह विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि दिल्ली में हुए धमाके के बाद हमने पहले ही सतर्कता बढ़ाई थी। अब इतनी बड़ी मात्रा में जिलेटिन छड़ों का मिलना यह दर्शाता है कि देश में आतंकी तत्व सक्रिय हैं और वे कहीं भी वारदात को अंजाम देने की साजिश रच सकते हैं।
जांच में सामने आया है कि यह वैन झारखंड के पाकुड़ जिले से निकली थी। पाकुड़ में खनन गतिविधियां चलती रहती हैं, जहां जिलेटिन का इस्तेमाल सामान्य है, लेकिन पुलिस का कहना है कि इस वैन के पास कोई भी वैध अनुमति नहीं थी। अब झारखंड पुलिस से समन्वय करके यह पता लगाया जा रहा है कि इन छड़ों की सप्लाई चेन किसने तैयार की और इन्हें कहां पहुंचाया जाना था। प्रारंभिक जांच से संकेत मिल रहे हैं कि यह तस्करी अवैध विस्फोटक नेटवर्क से जुड़ी हो सकती है, जो खनन की आड़ में सक्रिय है।
हालांकि पुलिस अभी इसे सीधा आतंकी मामला नहीं कह रही, लेकिन जांच एजेंसियों का मानना है कि समय और घटनाओं की समानता को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। दिल्ली में जहां हाल ही में कार विस्फोट हुआ, वहीं उसी हफ्ते झारखंड-बंगाल सीमा पर इतनी बड़ी मात्रा में विस्फोटक पकड़ा गया, यह संयोग हो भी सकता है और साजिश भी। एनआईए ने इस मामले में रिपोर्ट मांगी है और दोनों घटनाओं के तकनीकी व फोन रिकॉर्ड की जांच की जा रही है।
सूत्रों के मुताबिक, केंद्र सरकार ने सभी राज्यों की पुलिस को निर्देश दिया है कि विस्फोटक सामग्री के अवैध परिवहन पर कड़ी निगरानी रखी जाए। खदान क्षेत्रों, सीमावर्ती जिलों और औद्योगिक इलाकों में गाड़ियों की चेकिंग को बढ़ाने का आदेश दिया गया है। सुरक्षा विशेषज्ञों का कहना है कि हाल के दिनों में देश के अलग-अलग हिस्सों से विस्फोटक बरामद होने की घटनाएं यह दिखाती हैं कि आतंकी नेटवर्क छोटे-छोटे समूहों में सक्रिय हैं, जो लोकल सप्लायर्स की मदद से बड़ी घटनाओं की तैयारी कर रहे हैं।